मोबाइल स्कैम रोकने में कौन बेहतर 2024: एंड्रॉयड या एपल? गूगल का बड़ा खुलासा

By Gaurav Srivastava

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अरे दोस्तों, क्या हालचाल? आज की डिजिटल दुनिया में हमारा स्मार्टफोन सिर्फ बात करने या रील्स देखने तक सीमित नहीं है। ये हमारी पूरी लाइफ का हिस्सा बन गया है – बैंकिंग से लेकर शॉपिंग तक, सब कुछ इसी में है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जितना स्मार्ट हमारा फोन है, उतना ही हमें खतरों से भी घेर सकता है? जी हां, मैं बात कर रहा हूं मोबाइल स्कैम और ऑनलाइन धोखाधड़ी की, जो आजकल एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम बन चुके हैं। आज हम इसी पर डीटेल में बात करेंगे, समझेंगे कि मोबाइल स्कैम क्या हैं, इनसे कैसे बचा जा सकता है, और सबसे इंटरेस्टिंग बात – एंड्रॉयड सुरक्षा और iOS में कौन बेहतर है इस लड़ाई में। तो बने रहिएगा, क्योंकि ये जानकारी आपके बहुत काम आने वाली है!

ऑनलाइन धोखाधड़ी और मोबाइल स्कैम्स: कैसे बनते हैं हम शिकार?

सबसे पहले, आइए समझते हैं कि ये ऑनलाइन धोखाधड़ी और मोबाइल स्कैम आखिर होते क्या हैं। आजकल स्कैमर्स नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं ताकि आपको बेवकूफ बना सकें और आपके पैसे या पर्सनल जानकारी चुरा सकें। इनमें कुछ सबसे कॉमन तरीके हैं फिशिंग (जहां आपको फेक लिंक्स भेजे जाते हैं), vishing (फोन कॉल के जरिए धोखाधड़ी), और smishing (SMS के जरिए होने वाले स्कैम)।

हमें अक्सर फेक लॉटरी जीतने के मैसेज आते हैं, या बैंक से होने का दावा करने वाले लोग OTP मांगते हैं। ये सब मोबाइल स्कैम के ही अलग-अलग रूप हैं। कई बार तो आपको लगेगा कि ये एक नॉर्मल कॉल या मैसेज है, लेकिन असल में ये स्कैमर्स की चाल होती है जो आपकी एक छोटी सी गलती का इंतजार कर रहे होते हैं।

एंड्रॉयड बनाम आईओएस: स्कैम डिटेक्शन में कौन आगे?

अब आते हैं उस सवाल पर जिसकी चर्चा आजकल हर जगह हो रही है – मोबाइल स्कैम रोकने में एंड्रॉयड सुरक्षा बेहतर है या iOS? गूगल ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है, जिसके बाद टेक वर्ल्ड में हलचल मच गई है।

गूगल का लेटेस्ट दावा और उसकी वजह

Google के हालिया खुलासे और रिसर्च के अनुसार, मोबाइल स्कैम रोकने में एंड्रॉयड स्मार्टफोन एपल से बेहतर साबित हो रहे हैं। गूगल की रिसर्च और सर्वे में यह दावा किया गया है कि एंड्रॉयड डिवाइस स्कैम कॉल और मैसेज को ब्लॉक करने में अधिक प्रभावी हैं। ये एक बहुत बड़ा स्टेटमेंट है, खासकर जब एपल अपने प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर्स के लिए जाना जाता है।

लेकिन ऐसा क्यों है? Google का कहना है कि उन्होंने एंड्रॉयड सुरक्षा को इतना मजबूत बना दिया है कि वह रियल टाइम में धोखाधड़ी वाले कॉल्स और टेक्स्ट्स को पहचानकर ब्लॉक कर सकता है। इसके पीछे उनकी एडवांस्ड AI टेक्नोलॉजी और लगातार होने वाले अपडेट्स हैं।

एंड्रॉयड की ताकत: AI और Google Scam Detection फीचर्स

Google ने अपने AI-आधारित Google scam detection फीचर्स एंड्रॉयड के लिए जारी किए हैं, जो रियल टाइम में धोखाधड़ी वाले कॉल्स और टेक्स्ट्स को पहचानकर ब्लॉक करते हैं। ये सिर्फ कॉल्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मैसेजेस और यहां तक कि ऐप्स के अंदर होने वाले फ्रॉड को भी पकड़ता है।

  • Google Messages: भारत में गूगल मैसेज हर महीने 500 मिलियन से अधिक स्कैम टेक्स्ट ब्लॉक करता है। ये एक बहुत बड़ा आंकड़ा है जो दिखाता है कि यह फीचर कितना इफेक्टिव है। यह आपके इनबॉक्स को अनचाहे और खतरनाक मैसेज से बचाता है।
  • Google Pay अलर्ट्स: गूगल पे के जरिए करोड़ों अलर्ट्स भेजे जा रहे हैं, जिससे बड़ी मात्रा में धोखाधड़ी रुकी है। अगर कोई सस्पिशियस ट्रांजैक्शन होता है या कोई आपको गलत तरीके से पैसे भेजने की कोशिश करता है, तो गूगल पे आपको तुरंत अलर्ट करता है।
  • रियल-टाइम ब्लॉकिंग: एंड्रॉयड के इनबिल्ट फीचर्स, जैसे कि कॉल स्क्रीन और स्पैम कॉलर ID, इनकमिंग कॉल्स को एनालाइज करते हैं और अगर उन्हें कोई स्कैमर लगता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर देते हैं या आपको अलर्ट करते हैं। यह एंड्रॉयड सुरक्षा का एक मजबूत पिलर है।
  • AI और मशीन लर्निंग: गूगल अपने AI और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को लगातार इम्प्रूव कर रहा है ताकि वह नए से नए स्कैम पैटर्न को भी पहचान सके। यह Google scam detection को लगातार और स्मार्ट बनाता है।

इन फीचर्स के कारण, एंड्रॉयड यूजर्स को मोबाइल स्कैम से बचने में काफी मदद मिलती है। ये सिर्फ एक ऐप का काम नहीं, बल्कि पूरे इकोसिस्टम की ताकत है जो एंड्रॉयड सुरक्षा को इतना खास बनाती है।

iOS की तैयारी: एपल कैसे दे रहा टक्कर?

ऐसा नहीं है कि एपल इस मामले में कुछ नहीं कर रहा है। एपल भी iOS में नए अपडेट्स के साथ स्कैम कॉल स्क्रीनिंग फीचर ला रहा है, जिससे उपयोगकर्ता कॉल स्क्रीन करके स्कैमर्स को पहचान सकेंगे। यह फीचर अभी आने वाले अपडेट्स में है, जिसका मतलब है कि एपल अभी इस दौड़ में थोड़ा पीछे है, लेकिन वह भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है।

एपल हमेशा से प्राइवेसी और सिक्योरिटी पर जोर देता आया है, और यह उम्मीद की जा सकती है कि जब उनके स्कैम डिटेक्शन फीचर्स पूरी तरह से लॉन्च हो जाएंगे, तो वे भी काफी इफेक्टिव होंगे। लेकिन फिलहाल, Google scam detection और एंड्रॉयड सुरक्षा के मौजूदा फीचर्स के कारण, एंड्रॉयड को इस मामले में अपर हैंड मिलता दिख रहा है।

भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के सरकारी प्रयास

सिर्फ टेक कंपनियां ही नहीं, हमारी सरकार और दूरसंचार विभाग (DoT) भी स्पैम कॉल्स और डिजिटल स्कैम रोकने के लिए कई कड़े कदम उठा रहे हैं। यह एक बहुत अच्छी पहल है क्योंकि मोबाइल स्कैम सिर्फ एक प्राइवेट प्रॉब्लम नहीं, बल्कि एक नेशनल कंसर्न बन चुका है।

सरकार ने हाल ही में ‘उमंग’ (UMANG) ऐप पर ‘चक्षु’ और ‘रिपोर्ट सस्पिशियस कम्युनिकेशन’ जैसे फीचर्स लॉन्च किए हैं, जिससे यूजर्स आसानी से फ्रॉड की रिपोर्ट कर सकें। इसके अलावा, कॉलर की पहचान दिखाने वाले नियम भी लागू किए गए हैं, जिससे फ्रॉड कॉल्स की संख्या घटने की उम्मीद है। यह स्कैमर्स के लिए चीजों को और मुश्किल बना देगा, क्योंकि अब वे आसानी से अपनी पहचान छुपा नहीं पाएंगे।

आपकी सुरक्षा, आपकी जिम्मेदारी: खुद को कैसे बचाएं?

दोस्तों, चाहे आपका फोन एंड्रॉयड हो या iOS, चाहे गूगल कितनी भी एंड्रॉयड सुरक्षा दे या सरकार कितने भी कड़े नियम बनाए, आपकी अपनी जिम्मेदारी सबसे ऊपर है। मोबाइल स्कैम से बचने के लिए कुछ आसान टिप्स हैं जिन्हें हर किसी को फॉलो करना चाहिए।

कुछ आसान टिप्स जो हर कोई कर सकता है फॉलो

  • अनवांटेड ऐप्स हटाएँ: अपने फोन से उन ऐप्स को तुरंत अनइंस्टॉल कर दें जिनकी आपको जरूरत नहीं है या जो सस्पिशियस लग रही हैं। कई बार ये ऐप्स बैकग्राउंड में आपकी जानकारी चुराते हैं।
  • मजबूत पासवर्ड और 2FA: अपने सभी अकाउंट्स के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड्स का इस्तेमाल करें। साथ ही, जहां भी संभव हो टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) या टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2SV) को ऑन रखें। यह आपकी एंड्रॉयड सुरक्षा या iOS सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देता है।
  • अनजान लिंक या QR कोड स्कैन न करें: किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें या QR कोड स्कैन न करें। अक्सर मोबाइल स्कैम इन्हीं के जरिए होते हैं। ये आपको किसी फेक वेबसाइट पर ले जा सकते हैं जहां आपकी पर्सनल जानकारी चुराई जा सकती है।
  • OTP या PIN शेयर न करें: किसी भी कीमत पर अपना OTP, PIN या पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें, चाहे वह खुद को बैंक मैनेजर, सरकारी अधिकारी या कोई भी क्यों न बताए। बैंक या कोई भी विश्वसनीय संस्था आपसे कभी भी फोन पर ये जानकारी नहीं मांगती।
  • ऐप परमिशन ध्यान से देखें: कोई भी नया ऐप इंस्टॉल करते समय उसकी परमिशन को ध्यान से पढ़ें। क्या किसी टॉर्च ऐप को आपकी गैलरी या कॉन्टैक्ट्स की परमिशन की जरूरत है? शायद नहीं।
  • सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें: अपने फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेटेड रखें। अपडेट्स में अक्सर सिक्योरिटी पैच होते हैं जो नए खतरों से बचाते हैं। यह एंड्रॉयड सुरक्षा और iOS सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है।

निष्कर्ष: क्या एंड्रॉयड वाकई ज्यादा सेफ है?

तो दोस्तों, आखिर में बात ये है कि मोबाइल स्कैम एक ऐसी सच्चाई है जिससे हम बच नहीं सकते, लेकिन खुद को बचा जरूर सकते हैं। गूगल ने जिस तरह से Google scam detection और एंड्रॉयड सुरक्षा पर काम किया है, वह वाकई काबिले तारीफ है। मौजूदा स्थिति में, एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म की टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपायों को मोबाइल स्कैम रोकने के लिए अधिक प्रभावी माना जा रहा है, खासकर AI-पावर्ड रियल-टाइम ब्लॉकिंग के मामले में।

हालांकि, एपल भी इस दिशा में तेजी से सुधार कर रहा है और उम्मीद है कि भविष्य में उनके फीचर्स भी उतने ही मजबूत होंगे। लेकिन तब तक, आपकी अपनी सतर्कता और ऊपर बताए गए टिप्स ही आपकी सबसे बड़ी ढाल हैं। याद रखें, टेक्नोलॉजी कितनी भी एडवांस्ड क्यों न हो, एक स्मार्ट और अवेयर यूजर ही सबसे अच्छी एंड्रॉयड सुरक्षा (या कोई भी सुरक्षा) होता है।

आपको क्या लगता है? क्या आपने कभी किसी मोबाइल स्कैम का सामना किया है? नीचे कमेंट्स में अपने एक्सपीरियंस और टिप्स जरूर शेयर करें। मिलते हैं अगले वीडियो या ब्लॉग पोस्ट में, तब तक के लिए सुरक्षित रहें!

Gaurav Srivastava

My name is Gaurav Srivastava, and I work as a content writer with a deep passion for writing. With over 4 years of blogging experience, I enjoy sharing knowledge that inspires others and helps them grow as successful bloggers. Through Bahraich News, my aim is to provide valuable information, motivate aspiring writers, and guide readers toward building a bright future in blogging.

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